शाहजहाँपुर का इतिहास (History of Shahjahanpur in Hindi)
स्थापना एवं नामकरण:
शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक जिला है, जिसकी स्थापना मुगल बादशाह शाहजहाँ के शासनकाल (1628–1658 ई.) में हुई थी। इस शहर की नींव दारा शिकोह (शाहजहाँ के बड़े पुत्र) के एक सिपहसालार दिलेर खान और बहादुर खान ने 1647 ई. में रखी थी। इन्होंने यहाँ एक किला बनवाया और शहर को बसाया, जिसका नाम बादशाह शाहजहाँ के नाम पर शाहजहाँपुर रखा गया।
ऐतिहासिक महत्व:
- मुगल काल: मुगलों के समय यह क्षेत्र रोहिलखंड का हिस्सा था और व्यापार व कृषि के लिए महत्वपूर्ण था।
- रोहिला शासन: 18वीं सदी में शाहजहाँपुर पर रोहिला सरदारों का अधिकार हो गया, जिन्होंने यहाँ अपनी छाप छोड़ी।
- अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोह (1857 की क्रांति):
- शाहजहाँपुर 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख केंद्र था।
- यहाँ के स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह (जिन्हें “देश का नायक” कहा जाता है) ने अंग्रेज़ों के खिलाफ बग़ावत की अगुवाई की।
- जून 1857 में शाहजहाँपुर में क्रांतिकारियों ने अंग्रेज़ों को खदेड़ दिया, लेकिन बाद में अंग्रेज़ों ने क्रूर दमन किया।
स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान:
- शाहजहाँपुर के क्रांतिकारियों ने खिलाफत आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
- राम प्रसाद बिस्मिल (काकोरी कांड के नायक) का संबंध भी इसी क्षेत्र से था।
सांस्कृतिक विरासत:
- शाहजहाँपुर में जामा मस्जिद, शीतला माता मंदिर और कुछ ऐतिहासिक किलों के अवशेष मौजूद हैं।
- यहाँ की गंगा-यमुना की उपजाऊ भूमि ने इसे कृषि प्रधान बनाया, विशेषकर गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध।
आधुनिक शाहजहाँपुर:
आज शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश का एक विकासशील जिला है, जो अपने ऐतिहासिक गौरव और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए जाना जाता है।
क्या आप शाहजहाँपुर के किसी विशेष पहलू के बारे में और जानना चाहेंगे?