Balrampur News। शंकरपुर कला गांव में गुरुवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। गांव निवासी मानसिक मंदित मुकेश गौतम ने अपने दो बेटों 11 वर्षीय अमरेश व सात वर्षीय आनंद को सुबह करीब नौ बजे राप्ती मुख्य नहर में फेंक दिया। नहर की तरफ से गुजर रहे 19 वर्षीय संदीप यादव ने बच्चों को बचाने के लिए नहर में छलांग लगा दी। आनंद को उसने बाहर निकाला, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं अमरेश पानी के तेज बहाव में बह गया। पुत्रों को नहर में फेंकने के बाद आराम से पुल पर बैठे गौतम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
शंकरपुर कला निवासी 35 वर्षीय मुकेश गौतम करीब डेढ़ वर्ष पहले तक परदेस में रहकर कमाई करता था। एक वर्ष पूर्व वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया। परिवारजन ने उसे घर वापस बुला लिया। उसका इलाज गोरखपुर अस्पताल में चल रहा था। वह प्रतिदिन अपने दोनों बेटों आनंद व अमरेश को चाय पिलाने एक ढाबे पर ले जाता था। शंकरपुर कलां गांव के पश्चिम राप्ती नदी का मुख्य बैराज स्थित है।
गुरुवार को भी मुकेश अपने दोनों पुत्रों को चाय पिलाने ले गया था। बताया जाता है कि आनंद व अमरेश के बीच कहासुनी हो गई। इस पर मुकेश गौतम गुस्से से तमतमा उठा। वह अपने दोनों पुत्रों को लेकर 150 मीटर दूर राप्ती मुख्य नहर कैनाल पर गया और नहर में ढकेल दिया। खुद पुल पर बैठकर उनके डूबने का नजारा देखने लगा।
गांव का ही संदीप यादव पुत्र जगतराम ट्रैक्टर से खेत की जोताई करने जा रहा था। उसने बालक को बहता देख मछली समझ लिया। उतरकर देखा तो आनंद पानी में बह रहा था। संदीप ने तैरकर आनंद को बाहर निकाल लिया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। घटना की जानकारी प्रभारी निरीक्षक को दी गई। उन्होंने स्थानीय गोताखोरों को अमरेश की तलाश में लगा दिया।
लगभग तीन घंटे तक गोताखोर तलाश करते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। प्रधान बृजकिशोर चौधरी की सिफारिश पर पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। आनंद के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि गोंडा तैराकी टीम के पीएसी को सूचना दी गई है। उम्मीद है कि शुक्रवार सुबह तक अमरेश की तलाश कर ली जाएगी।
दो माह से लापता था मुकेश
शंकरपुर कला निवासी मुकेश गौतम की मानसिक स्थिति एक वर्ष पहले खराब हो गई। उसका इलाज गोरखपुर चल रहा था। सितंबर से अक्टूबर माह तक वह घर से लापता था। पुलिस व परिवारजन उसकी तलाश करते रहे, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। नवंबर में मुकेश वापस घर आया था।
पिता के साथ जाने से रोक रही थी मां
मुकेश गौतम की पत्नी संगीता का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि पति की वजह से बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। संगीता का विवाह लगभग 13 वर्ष पूर्व मुकेश के साथ हुआ था। संगीता कहती है कि वह सुबह बच्चों को पापा के साथ जाने से रोक रही थी, लेकिन बच्चे नहीं माने।