Home उत्तर प्रदेश नेपाल में बंधक 14 भारतीय मजदूर रेस्क्यू किए गए, काम की तलाश में उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश से पहुंचे थे

नेपाल में बंधक 14 भारतीय मजदूर रेस्क्यू किए गए, काम की तलाश में उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश से पहुंचे थे

नेपाल में बंधक बनाए गए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 14 भारतीय मजदूरों को नेपाल प्रशासन ने मुक्त कराकर भारतीय प्रशासन को सौंप दिया गया है। भारत पहुंचे सभी मजदूरों को उनके जनपद पीलीभीत को भिजवाया गया है।

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लखीमपुर खीरी ! नेपाल में बंधक बनाए गए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 14 भारतीय मजदूरों को नेपाल प्रशासन ने मुक्त कराकर भारतीय प्रशासन को सौंप दिया गया है। भारत पहुंचे सभी मजदूरों को उनके जनपद पीलीभीत को भिजवाया गया है। मुक्त कराने में नेपाल के मुख्यमंत्री, प्रशासन, डीएम, एसपी और पत्रकार महासंघ अध्यक्ष का विशेष सहयोग मिला।

इन मजदूरों को पड़ोसी जनपद नेपाल के कैलाली जिले के लमकी चूहा गांव के ईंट भट्ठे पर बंधक बना कर काम लिया जा रहा था। मुक्त कराए गए मजदूरों में अमन वाल्मीकि, लालता प्रसाद, अब्दुल नसीम, लक्ष्मी देवी, दीक्षा, पूजा, देव, सुनीता, रोहित, शिवा, हिमांशु, आयुष, ब्रजेश और सचिन शामिल हैं। ये सभी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और उत्तराखंड के किच्छा के रहने वाले हैं। एक दलाल के माध्यम से ये मजदूर नेपाल पहुंचे थे, जहां ईंट भट्टा मालिक ने इन्हें बंधक बना लिया।

पैसे ठेकेदार लेकर फरार

लगभग एक महीने पहले मजदूरों के ठेकेदारी करने वाला कल्लू पीलीभीत और उनके मिलने वाले उत्तराखंड के कुछ मजदूरों को काम दिलाने के बहाने पड़ोसी देश नेपाल ले गया। जहां उनको एक भट्टे के सुपुर्द कर उनकी मजदूरी का पैसा लेकर रफूचक्कर हो गया। जब इन लोगों ने भट्टा मालिक भदरा विष्ट और मुंशी रमेश से पैसे मांगे तो उन्होंने उनसे कहा तुम्हारी मजदूरी के पैसे कल्लू ठेकेदार ले गया।

उन्होंने काम करने के लिए मना किया तो इनकी सबकी पिटाई की। किसी तरह लालता प्रसाद ने अपने गांव सरदार नगर के व्यक्ति मुन्ना को फोन किया और पूरे हालत बताए तो भट्टा मालिक और उसको कर्मचारियों ने मिलकर मोबाइल छीन लिया सभी को मारा पीटा और बंधक बना लिया। इधर पीलीभीत के मुन्ना को जब इनके नंबर से बातचीत नहीं हुई और कोई भी संपर्क न हुआ तो उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया।

उन्होंने काम करने के लिए मना किया तो इनकी सबकी पिटाई की। किसी तरह लालता प्रसाद ने अपने गांव सरदार नगर के व्यक्ति मुन्ना को फोन किया और पूरे हालत बताए तो भट्टा मालिक और उसको कर्मचारियों ने मिलकर मोबाइल छीन लिया सभी को मारा पीटा और बंधक बना लिया। इधर पीलीभीत के मुन्ना को जब इनके नंबर से बातचीत नहीं हुई और कोई भी संपर्क न हुआ तो उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया।

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