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रायबरेली। सोमवार को “हमारा आंगन-हमारे बच्चे” उत्सव का आयोजन बीआरसी रोहनिया में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य राजकुमार, विशिष्ट अतिथि उप शिक्षा निदेशक और डायट के प्राचार्य जय प्रकाश सिंह, खण्ड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह, डायट प्रवक्ता पंकज सिंह गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। सरस्वती वंदना के उपरांत पू्र्व माध्यमिक विद्यालय धौरहरा की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। खण्ड शिक्षा अधिकारी डा0 सत्य प्रकाश यादव द्वारा मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को बैच लगाकर और पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
खण्ड शिक्षा अधिकारी डॉ. सत्य प्रकाश यादव ने “हमारा आंगन-हमारे बच्चे” उत्सव के आयोजन के कारण और महत्ता पर प्रकाश डाला। एआरपी विनोद तिवारी ने निपुण भारत मिशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य, समावेशी शिक्षा, नवाचार और समझ आधारित शिक्षण, प्री प्राइमरी शिक्षा पर विस्तार से जानकारी साझा की। एआरपी दिवाकर सिंह वर्मा ने बाल वाटिका, माता उन्मुखीकरण, वन्डर बाक्स, लर्निंग कार्नर, क्लास रूम रूपांतरण और शिक्षण सहायक सामग्री पर चर्चा की। इसके बाद 6 न्याय पंचायत के कक्षा 1, कक्षा 2 और बाल वाटिका के 30 निपुण बच्चों को मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि द्वारा बैच अलंकरण, पुस्तक और स्टेशनरी किट से सम्मानित किया गया।
प्राथमिक विद्यालय छिपिया की प्रधानाध्यापिका रेखा सिंह द्वारा अपने विद्यालय में लगातार शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए अपनाई गयी रणनीति और नवाचार को साझा किया गया। प्राथमिक विद्यालय खान आलमपुर सतहरा के शिक्षक सुशील कुमार द्वारा स्वनिर्मित टी एल एम का प्रस्तुतीकरण किया गया। विद्यालय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 38 शिक्षकों को विशिष्ट अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। खण्ड विकास अधिकारी ने कहा कि विकास के क्रम में शिक्षा का विकास सबसे महत्वपूर्ण है। विकास विभाग विद्यालयों को कायाकल्प और अन्य विकासात्मक कार्यों के लिए सदैव तत्पर है।
उप निदेशक/ डायट प्राचार्य जय प्रताप सिंह ने शिक्षकों से अपने मूल कर्तव्य को ईमानदारी से करने के लिए प्रेरित किया। जिला पंचायत सदस्य राजकुमार ने अभिभावकों से अपने बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने का आवाहन किया। उत्सव के समापन पर खण्ड शिक्षा अधिकारी ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का आभार व्यक्त किया। शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आवाहन किया।