बिजनौर। सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में लगातार बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। गर्भवतियों ने निश्शुल्क टीकाकरण से लेकर प्रसव तक की व्यवस्था है। बावजूद इसके महिलाएं प्रसव के लिए निजी अस्पतालों पर अधिक भरोसा है। वर्ष 2024 में सरकारी की अपेक्षा में निजी अस्पतालों में तीन गुना से अधिक प्रसव हुए है।
सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए स्वास्थ्य विभाग महिलाओं को विभिन्न सुविधा दे रही है। प्रसव के लिए गर्भवती को अस्पताल तक लाने के लिए निश्शुल्क व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं प्रसव के लिए सभी जांच, प्रसव के बाद अस्पताल में भर्ती रहने तक सभी दवाएं खाना (एक तीमारदार समेत) आदि की सुविधा भी निश्शुल्क दी जाती है।
इसके अलावा प्रसव के बाद शहरी क्षेत्र की प्रसूता को एक हजार एवं ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूता को बेहतर आहार के लिए 1400 रुपये की राशि भी दी जाती है। अस्पताल लाने वाली आशा शहरी क्षेत्र की आशा को प्रति प्रसव 400 और ग्रामीण क्षेत्र की आशा को 600 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते है।
प्रसव के बाद फालोअप के लिए प्रति फोलोअप 250 रुपये दिए जाते है। प्रसव के बाद महिला को घर तक पहुंचाने के लिए भी निश्शुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था की जाती है। इतनी सुविधा मिलने के बाद भी महिलाओं को सरकारी अपेक्षा निजी अस्पतालों पर अधिक भरोसा है।
वर्ष 2024 में जिले भर के सरकारी में 16,393 प्रसव हुए जबकि निजी अस्पतालों में इससे तीन गुना से अधिक 53,282 हुए प्रसव हुए है। महिला अस्पताल की सीएमएस डा. प्रभा रानी का कहना है कि आशाओं को अधिक से महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए है।