रायबरेली, 09 जुलाई 2025
एक माह तक चलने वाले विटामिन ए सम्पूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चन्द्रा ने बुधवार को किया।
जिला महिला चिकित्सालय के पोस्ट पोस्टपार्टम सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि विटामिन ए की कमी से बच्चों में मुख्यतः रतौंधी सहित आँखों सम्बन्धी बीमारियाँ होती हैं। गंभीर स्थिति में आँखों की रौशनी जाने का खतरा भी होता है द्य विटामिन ए की कमी कुपोषण की एक स्थिति है। यदि बच्चा कुपोषित है तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और डायरिया व निमोनिया जैसी बीमारियों से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। यह दवा नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को हर छह माह के अन्तराल पर पिलाई जाती है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम हर छह माह के अन्तराल पर एक वित्तीय वर्ष में दो चरणों में चलाया जाता है। यह पहला चरण है। इस कार्यक्रम के तहत नौ माह से पांच वर्ष तक की आयु के कुल 3.3 लाख बच्चों को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है जिसमें नौ माह से एक वर्ष की आयु के कुल 37,421, एक से दो साल की आयु के 71,314 और दो से पांच वर्ष तक की आयु के कुल 2.19 लाख बच्चे हैं।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस. अस्थाना ने बताया कि नौ जुलाई से शुरू हुआ यह कार्यक्रम नौ अगस्त तक चलाया जायेगा। इसको लेकर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विटामिन ए की दवा पिलाने के साथ ही बच्चे का नियमति टीकाकरण जरूर करवाएं और छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराएँ। छह माह की आयु के बाद बच्चे को पूरक पोषाहार दें। विटामिन ए पीले, हरे एवं नारंगी फलों और सब्जियों में होता है इसलिए बच्चे को इसका सेवन कराना सुनिश्चित करें जैसे कद्दू, पालक, चौलाई, आम, गाजर अदि।
इस मौके पर जिला पुरुष अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पेंद्र कुमार, जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निर्मला, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अंजली सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ. सी.लाल, यूनिसेफ से वंदना, अस्पताल के कर्मचारी और लाभार्थी मौजूद रहे।