Green Morning। बढ़ते प्रदूषण के इस दौर में पर्यावरण संरक्षण समाज के सामने किसी चुनौती से कम नहीं। इसे स्वीकार करते हुए बंकी ब्लाक के ग्राम कमरावा निवासी प्रदीप सारंग ने पर्यावरण संरक्षण को संस्कार से जोड़कर लोगों के नैतिक दायित्व का हिस्सा बना दिया। ग्रीन गैंग व परिंदा संरक्षण अभियान के संस्थापक प्रदीप सारंग की मेहनत रंग ला रही है।
पौधारोपण व पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए करीब 20 वर्ष से प्रदीप सारंग काम कर रहे हैं, लेकिन वर्ष 2011 में अपने काम को समूह स्तर पर करने के लिए गौरैया संरक्षण अभियान मित्र हरि प्रसाद वर्मा के साथ मिलकर शुरू किया।
मिट्टी के बर्तन लोगों के घरों में देकर उसमें गौरैया व अन्य पक्षियों के लिए पानी रखने की प्रेरणा देने लगे। धीरे-धीरे इनके इस अभियान से आसपास के जिलों के लोग भी जुड़े। मुंबई, दिल्ली, अयोध्या, सीतापुर, प्रयागराज तक जाकर भी लोगों को प्रेरित किया।
वर्ष 2019 में तत्कालीन डीएम उदय भानु त्रिपाठी के संपर्क में आने पर उनकी प्रेरणा से पर्यावरण संरक्षण को संस्कारों से जोड़ दिया। नगर के कंपनी बाग स्थित शहीद उद्यान पार्क में 111 सदस्यों के साथ ग्रीन गैंग (हरित समूह) बनाया। अपने सिर के सफेद बालों को हरे रंग से रंगवाया।
ग्रीन गैंग के सदस्यों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। सदस्य अपने घर-परिवार, मुहल्ला व गांव के लोगों के नामकरण, विवाह व मुंडन जैसे संस्कारों के अवसर पर विभिन्न तरह के पौधे रोपित कराते हैं। रोपित पौधों के संरक्षण को नैतिक दायित्व का हिस्सा बताते हैं। गर्मियों में पक्षियों को प्यास से न तड़पना पड़े, इसके लिए पशु-पक्षियों के पानी रखने के लिए प्रेरित करते हैं।
नवदंपतियों से करवाते पौधारोपण
मौजूदा समय ग्रीन गैंग के 1200 सदस्य वाट्सएप ग्रुप से भी जुड़े हैं, जो गुड मार्निंग के स्थान पर ग्रीन मार्निंग (हरित प्रभात), ग्रीन नाइट (हरित रात) कहकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति निरंतर सक्रियता बनाए हुए हैं। इसमें महिला सदस्यों की संख्या भी खूब है। महाविद्यालयों की छात्राएं भी गैंग से जुड़ी हैं। ग्रीन गैंग के सदस्य विवाह के बाद नव दंपतियों के साथ ही उनके परिवारजन से पौधारोपण कराते हैं।स्वयं के रोपित पौधों के साथ ही अन्य पौधों के संरक्षण को नैतिक दायित्व बताकर प्रेरित करते हैं। मुंडन संस्कार व नामकरण संस्कार के समय बच्चों से पौधे रोपित कराकर उन्हें उसके संरक्षण का दायित्व सौंपते हैं। प्रदीप सारंग का कहना है कि उनके ग्रीन गैंग के सदस्यों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। पर्यावरण संरक्षण को मांगलिक कार्यक्रमों के संस्कार का हिस्सा बनाने की मंशा फलीभूत हो गई है।