Gupt Navratri ! सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के सभी दिन महापर्व मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित दिन होते हैं। हिंदू धर्म के मुताबिक, हर साल 4 बार नवरात्रि का आयोजन होता है, माघ, चैत्र, आषाढ़, शारदीय नवरात्र। इनमें से दो माघ और आषाढ़ को गुप्त नवरात्रि माना जाता है। माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए मां दुर्गा के दस महाविद्याओं का उपासना किया जाता है।
कौन-कौन सी हैं महाविद्याएं?
मां दुर्गा की 10 महाविद्याएं इस प्रकार है- काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला। जानकारी दे दें कि माघ गुप्त नवरात्रि 7 फरवरी 2025 को समाप्त होगी, ऐसे में श्रद्धालुओं को इस नवरात्रि में देवी के इन 10 विद्याओं की पूजा होनी चाहिए।
क्या नहीं करने हैं?
- माघ माह की गुप्त नवरात्रि के दौरान जातक को तामसिक चीजों (मांस-मछली, मदिरा, प्याज, लहसुन) का सेवन नहीं करना चाहिए।
- वहीं, इस नवरात्रि में भी व्रत रखने वालों को दाढ़ी-मूंछ, बाल, और नाखून नहीं कटवाने चाहिए।
- साथ ही किसी का अपमान या किसी से वाद-विवाद और झगड़ा नहीं करना चाहिए।
- व्रत के दौरान किसी भी परिस्थिति में झूठ नहीं बोलना चाहिए और क्रोध पर काबू रखना चाहिए।
- इस नवरात्रि के दौरान जातक को किसी भी हाल में काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- वहीं चमड़े की चीजों का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
- साथ ही जातक को अपने घर में गंदगी या अंधेरा नहीं रखना चाहिए।
- जातक को व्रत रखकर दिन में नहीं सोना चाहिए, नींद आने पर आपको पानी पीकर मां की उपासना करना चाहिए।
- याद रहे कि किसी भी परिस्थिति में गुप्त नवरात्रि के व्रत को बीच में नहीं तोड़ना चाहिए।
- इस दौरान जातक को महिला, बुजुर्ग और पशु-पक्षियों को किसी भी हाल में सताना नहीं चाहिए।
- गुप्त नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को 9 दिनों तक बेड या पलंग पर बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए।