अयोध्या का इतिहास
अयोध्या, उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में स्थित एक प्राचीन और धार्मिक महत्व वाला शहर है। यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसे भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में पूजा जाता है। अयोध्या का इतिहास हजारों साल पुराना है और यह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और साम्राज्यों का केंद्र रहा है।
प्राचीन इतिहास
- रामायण काल – हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, अयोध्या भगवान राम की राजधानी थी। इसे महाराजा मनु द्वारा बसाया गया था और यह सूर्यवंशी (इक्ष्वाकु वंश) के राजाओं की नगरी रही।
- बौद्ध एवं जैन धर्म – अयोध्या बौद्ध और जैन धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण रही। जैन मतानुसार, यहाँ पाँच तीर्थंकरों का जन्म हुआ, जिनमें प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ भी शामिल हैं।
मध्यकालीन इतिहास
- मुगल काल – 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बाकी ने यहाँ एक मस्जिद बनवाई, जिसे बाबरी मस्जिद कहा गया। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह स्थल राम जन्मभूमि है और मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
- ब्रिटिश काल – अंग्रेजों के समय में अयोध्या में हिंदू-मुस्लिम तनाव बढ़ा। 1850 के दशक में पहली बार इस स्थल को लेकर विवाद हुआ।
आधुनिक इतिहास और राम मंदिर आंदोलन
- 1949 – बाबरी मस्जिद के अंदर रामलला की मूर्तियाँ रख दी गईं, जिसके बाद विवाद और बढ़ा।
- 1980-90 – विश्व हिंदू परिषद (VHP) और भाजपा ने राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन शुरू किया।
- 1992 – 6 दिसंबर को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद ढहा दी, जिसके बाद देशभर में सांप्रदायिक दंगे हुए।
- 2019 – सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि विवादित जमीन राम जन्मभूमि न्यास को दी जाएगी और मस्जिद के लिए अयोध्या में ही अलग जगह दी जाएगी।
- 2020 – 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया।
वर्तमान स्थिति
- राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और यह हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है।
- अयोध्या अब एक प्रमुख पर्यटन और तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।
अयोध्या का इतिहास धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व का है, जो भारत की साझा विरासत और समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।