मीरजापुर। Toll Plaza Scam: बहुचर्चित अंतरैला शिवगुलाम टोल प्लाजा समेत देश के 42 टोल प्लाजा पर 120 करोड़ से अधिक की अवैध वसूली और राजस्व चोरी मामले में गुरुवार रात एसटीएफ और लालगंज पुलिस ने मास्टर माइंड चौथे आरोपित सावन लाल कुम्हावत को लालगंज कस्बा से गिरफ्तार किया।
शुक्रवार को इसे भी पुलिस ने जेल भेज दिया। यह राजस्थान में जनपद चित्तौड़गढ़ के थाना परसौली के विछोली गांव का रहने वाला है। इसके पहले मंगलवार को जौनपुर जनपद के थाना सरायख्वाजा के फरीदाबाद के आलाेक कुमार सिंह (वर्तमान एसएसआर टावर-116-सी हरहुआ काजीसराय), मध्यप्रदेश के सीधी जिला थाना मझौली के कंजवार के मनीष मिश्र तथा प्रयागराज के मेजा थाना के परानीपुर के राजीव कुमार मिश्र को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित टोल प्लाजा के बूथ कंप्यूटर में एनएचएआइ के साफ्टवेयर के अतिरिक्त अलग से समानांतर साफ्टवेयर इंस्टाल कर राजस्व चोरी करते थे।
जांच के दौरान खुलेंगे और कई छिपे हुए राज
पुलिस ने बताया कि आरोपी सावन लाल अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व को चुना लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लखनऊ व वाराणसी एसटीएफ के साथ लालगंज पुलिस की टीम संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान कई संदिग्ध गतिविधियों और तकनीकी गड़बड़ियों का राजफाश हुआ है, जिनमें सावन लाल की संलिप्तता पाई गई।
यह टोल प्लाजा देश के प्रमुख राजमार्गों में शामिल है। इस मार्ग पर दक्षिण भारत को पूर्वोत्तर राज्यों सहित नेपाल और भूटान तक भारी मालवाहक ट्रकों का आवागमन होता है। घोटाले की जांच के चलते टोल प्लाजा के कार्यालय खाली पड़े हैं।
पुलिस ने इंजीनियर से पूछताछ की
थाना अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि गिरफ्तार आइटी इंजीनियर को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ और पुलिस की टीमें मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और कर्मचारियों में विश्वास बहाल करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
अतरैला टोल प्लाजा पर दो सालों से कर रहा था आलोक काम
आलोक सिंह ने एसटीएफ को बताया कि विगत दो वर्षों से यह कार्य कर रहा है। टोल प्लाजा से बिना फास्ट टैग वाले वाहनों से वसूली कर फोन के माध्यम से टोल पर्ची निकालने वाले कर्मी मनीष मिश्रा एवं टोल मैनेजर राजीव कुमार मिश्र के पास से एसटीएफ ने दो लैपटाप, एक प्रिन्टर, पांच मोबाइल फोन, एक वाहन मारुति एक्सएल-6 व 19,580 नकद बरामद किया। अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा लालगंज पर इंस्टाल किये गये साफ्टवेयर से प्रतिदिन औसतन 45,000 रुपये का टोल टैक्स गबन पाया गया।
फास्ट टैग अनिवार्य, पेनाल्टी में वसूलते हैं दोगुना टोल टैक्स
दरअसल, देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्ट टैग अनिवार्य है। जो वाहन बिना फास्ट टैग के टोल प्लाजा से गुजरते हैं, उनसे पेनाल्टी के रूप में दोगुना टोल टैक्स वसूला जाता है। अवैध कमाई के उद्देश्य से टोल प्लाजा प्रबंधकों की मिलीभगत से आरोपित ने समानांतर साफ्टवेयर इंस्टाल कर दिया गया। इसका आनलाइन एक्सेस संबंधित के निजी लैपटाप से रहता था। इससे फास्ट टैग रहित वाहनों से लिए जाने वाले दोगुना टोल शुल्क समानांतर साफ्टवेयर के माध्यम से वसूला जाने लगा। उसकी प्रिंट पर्ची एनएचएआइ के साफ्टवेयर के समान ही रहती है। प्रत्येक टोल, बूथ ट्रांजेक्शन का विवरण आलोक सिंह के लैपटाप में प्रदर्शित होता है।
सॉफ्टेवयर के जरिए नियमों की उड़ती रहीं धज्जियां
नियमानुसार फास्ट टैग रहित वाहनों से वसूले जाने वाले टोल टैक्स का 50 प्रतिशत एनएचएआइ के खाते में टोल प्लाजा द्वारा जमा करना होता है। किन्तु आलोक सिंह द्वारा इंस्टाल किये गये उक्त साफ्टवेयर के माध्यम से टोल प्लाजा मालिकों व प्रबन्धकों द्वारा धनराशि का गबन कर लिया जाता है। इसके साथ ही वसूले गए वाहन को वाहन शुल्क से मुक्त (एक्जेम्प्टेड) श्रेणी दिखाकर वाहन को जाने दिया जाता है।
अभियुक्त आलोक सिंह द्वारा एनएचएआइ सर्वर के अतिरिक्त जिन टोल प्लाजा पर अलग से साफ्टवेयर इंस्टाल किया गया है, उनकी सूची निम्नवत है।
1- हर्रो टोल प्लाज प्रयागराज उप्र
2- मुंगारी टोल प्लाजा प्रयागजराज उप्र
3- उमापुर टोल प्लाजा प्रयागजराज उप्र
4- अन्दी टोल प्लाजा लोहरा, आजमगढ़ उप्र (एकेसीसी कम्पनी)
5- बागपत टोल प्लाजा बागपत उप्र(एकेसीसी कम्पनी)
6- फरीदपुर टोल प्लाजा बरेली उप्र
7- पत्नीप्रतापपुर टोल प्लाजा शामली उप्र
8- अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा मीरजापुर उप्र
9- नैनसार टोल प्लाजा गोरखपुर उप्र
10- चिकली टोल प्लाजा मध्यप्रदेश
11- जंगाबानी टोल प्लाजा मध्य प्रदेश
12- मोहतारा टोल प्लाजा मध्य प्रदेश (एकेसीसी कम्पनी)
13- शालीबाडा टोल प्लाजा मध्य प्रदेश।
14- शहडोल टोल प्लाजा मध्य प्रदेश
15- गहरा टोल प्लाजा मध्यप्रदेश
16- फुलैरा टोल प्लाजा जयपुर राजस्थान
17- कादीशहना टोल प्लाजा राजस्थान (एकेसीसी कम्पनी)
18- शाहपुर टोल प्लाजा राजस्थान
19- शाउली टोल प्लाजा राजस्थान कम्पनी एनुवेजन
20- मदनपुर टोल प्लाजा आसाम कम्पनी आरके जैन
21- बालाचेरा टोल प्लाजा आसाम
22- भोजपुरी टोल प्लाजा छत्तीसगढ़ कम्पनी एकेसीसी
23- महराजपुर टोल प्लाजा छत्तीसगढ।
24- मुदियापारा टोला प्लाजा छत्तीसगढ़।
25- कुम्हारी टोल प्लाजा दुर्ग छग।
26- वन टोल प्लाजा जम्मू
27- दशरखेड टोल प्लाजा महराष्ट्र
28- खानी बडे टोल प्लाजा बेलबाडी महराष्ट्र
29- मोखा टोल प्लाजा गुजरात कम्पनी एकेसीसी
30- रोहिसा टोल प्लाजा गुजरात कम्पनी एकेसीसी
31- ओखा मण्डी टोल प्लाजा गुजरात
32- कुचाडी टोल प्लाजा गुजरात
33- नवासारी टोल प्लाजा झारखण्ड
34- तुरूप टोल प्लाजा झारखण्ड कम्पनी एकेसीसी
35- तण्ड बलीधा टोल प्लाजा झारखण्ड
36- धुलाल टोल प्लाजा पंजाब
37- जिघा टोल प्लाजा पंजाब कम्पनी एकेसीसी
38- गोबारी टोल प्लाजा पश्चिम बंगाल
39- पश्चिम मदाती टोल प्लाजा पश्चिम बंगाल
40- कदली गढ़ टोल प्लाजा उडीसा
41- सनवारा टोल प्लाजा हिमाचल प्रदेष।
42- जनगाॅव टोल प्लाजा तेलंगाना।
एनएचएआइ के पीडी भी जांच की तैयारी में
टोल प्लाजा के काउंटर से बरामद हैंड मशीन के बाद एनएचएआइ के अधिकारी संज्ञान में लेकर जांच पड़ताल में जुट गए हैं। एसटीएफ की ताबड़तोड़ कार्रवाई से टोल कर्मियों के हाथ पांव फूल उठे हैं। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक प्रवीण कटियार ने बताया कि छापामारी के दस दिन पूर्व ही टोल संचालक के विरुद्ध तीन लाख जुर्माना लगाया गया था। एसटीएफ की छापामारी के बाद मामले का संज्ञान लेकर प्रकरण की बिंदुवार जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर टोल संचालक की प्रतिभूति जब्त करते हुए अनुबंध निरस्त करके नए सिरे से टोल संचालक की नियुक्ति की जाएगी।
Table of Contents