उन्नाव का इतिहास (History of Unnao in Hindi)
उन्नाव उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक जिला है, जो गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है। इसका इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है और यह क्षेत्र कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं पौराणिक घटनाओं का साक्षी रहा है।
प्राचीन इतिहास
- पौराणिक महत्व:
- उन्नाव का उल्लेख हिंदू पुराणों और महाकाव्यों में मिलता है। मान्यता है कि यहाँ भगवान राम ने वनवास के दौरान विश्राम किया था।
- कुछ स्थानीय कथाओं के अनुसार, यहाँ महर्षि वाल्मीकि का आश्रम भी था।
- बौद्ध एवं जैन काल:
- उन्नाव क्षेत्र मौर्य एवं गुप्त काल में बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र रहा।
- जिले के कुछ हिस्सों में प्राचीन बौद्ध स्तूपों और मूर्तियों के अवशेष मिले हैं।
मध्यकालीन इतिहास
- दिल्ली सल्तनत एवं मुगल काल:
- उन्नाव पर मध्यकाल में दिल्ली सल्तनत और फिर मुगलों का शासन रहा।
- अकबर के समय में यह इलाका “सरकार खैराबाद” का हिस्सा था।
- औरंगजेब के शासनकाल में यहाँ कई मस्जिदें और इस्लामिक स्थापत्य बने।
- नवाबों का शासन:
- 18वीं शताब्दी में उन्नाव अवध के नवाबों के अधीन आया।
- नवाब शुजाउद्दौला के समय में यहाँ किले और महल बनवाए गए।
ब्रिटिश काल
- ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रभुत्व:
- 1801 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उन्नाव पर कब्जा कर लिया।
- 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में उन्नाव के लोगों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की।
- स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान:
- उन्नाव के कई क्रांतिकारियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया।
- चंद्रशेखर आजाद और रानी लक्ष्मीबाई से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल यहाँ मौजूद हैं।
आधुनिक उन्नाव
- 1947 में भारत की आजादी के बाद उन्नाव उत्तर प्रदेश का एक जिला बना।
- आज यह कृषि, उद्योग और शिक्षा का प्रमुख केंद्र है।
प्रमुख ऐतिहासिक स्थल
- संग्रामघाट: गंगा नदी के किनारे स्थित यह घाट ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है।
- बीरबल का छतरी: मुगलकालीन स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना।
- नवाबगंज किला: अवध नवाबों द्वारा निर्मित एक प्राचीन किला।
उन्नाव का इतिहास समृद्ध और गौरवशाली रहा है, जो इसे उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जिलों में से एक बनाता है।
क्या आप उन्नाव के किसी विशेष ऐतिहासिक पहलू के बारे में और जानना चाहेंगे?