रायबरेली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में जिले के चार होनहारों ने सफलता का परचम लहराया है। शहर के प्रगतिपुरम के शिवम सिंह, जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र के चिचौली गांव निवासी अमन प्रताप सिंह, इंदिरा नगर के रहने वाले अंशुमान सिंह और खीरों के ग्राम राजू नगर मजरे बकुलिहा निवासी अमित कुमार दीक्षित ने सफलता हासिल की है। चारों ने यूपीएससी परीक्षा पास कर न केवल परिवार का बल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है।
शहर के प्रगतिपुरम निवासी राम नरेश सिंह की आंखें मंगलवार कोे खुशी से भर आईं। बेटे शिवम सिंह ने यूपीएसई की परीक्षा में 73वीं रैंक हासिल कर इतिहास बना दिया। शिवम सिंह वर्तमान में आंध्र प्रदेश में आईआरएफ की ट्रेनिंग कर रहेे हैं। शिवम सिंह ने 2021 में यूपीपीसीएस परीक्षा को क्रैक किया था। तब उन्हें गोरखपुर में एसडीएम के पद पर तैनाती मिली थी। दिसंबर 2024 को उन्होंने आईआरएफ की परीक्षा पास की और वह आंध्र प्रदेश में ट्रेनिंग के लिए चले गए।
उनके पिता राम नरेश विकास भवन के पास गुमटी में स्टेशनरी की दुकान करते हैं। मां बबिता सिंह गृहिणी हैं और भाई शुभम सिंह बेंगलुरु में कॉर्पोरेट सेक्टर में है। बेटे की सफलता से राम नरेश की खुशी का ठिकाना नहीं है।
एमएससी की पढ़ाई छो़ड़कर की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी
जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र के चिचौली गांव निवासी अमन प्रताप सिंह पुत्र रवींद्र प्रताप सिंह को यूपीएससी 2024-25 की परीक्षा में 402वीं रैंक के मिली है। अमन ने इंटरमीडिएट परीक्षा 98 फीसदी अंक के साथ उत्तराखंड से पास की। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से 97 फीसदी अंक के साथ स्नातक किया। इसके बाद एमएससी की पढ़ाई छोड़कर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए।
वर्ष 2024-25 की यूपीएससी की परीक्षा पास कर अमन प्रताप सिंह ने पूरे परिवार को कभी न भूलने वाली खुशी दी है। अमन की छोटी बहन नेहा सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रही हैं तो बड़े भाई प्रो. अनिल कुमार सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रुद्रपुर उत्तराखंड में कार्यरत हैं। अमन प्रताप सिंह को यूपीएससी की परीक्षा पास करने में उनके बड़े भाई ने अहम रोल निभाया।
नहीं मानी हार, हासिल की सफलता
शहर के इंदिरा नगर के रहने वाले अंशुमान सिंह बीएसएएस पब्लिक स्कूल के प्रबंध निदेशक बीएल सिंह के भतीजे हैं। अंशुमान की पढ़ाई बीएसएएस पब्लिक से हुई। अंशुमान नई दिल्ली के राजेंद्र नगर में अपनी मां मंजू सिंह के साथ रहते हैं। वर्तमान में वह दिल्ली सचिवालय में कार्यरत हैं। उनके पिता संजय सिंह का कुछ समय पूर्व निधन हो चुका है।
बीएल सिंह बताते हैं कि अंशुमान सिंह बचपन से होनहार रहे हैं। जब वह कक्षा सात में पढ़ते थे तो अचानक पढ़ाई करते हुए उनको ब्रेन स्ट्रोक हो गया। किसी तरह जान बच गई। रायबरेली के फिरोज गांधी कॉलेज से स्नातक उत्तीर्ण किया। रायबरेली में ही बैंक कैशियर की नौकरी की। इसके बाद उनका चयन एसएससी में हुआ और वह दिल्ली चले गए। वहां पर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की। पहली बार में ही सफलता हासिल की। उनको हैंडीकैप्ड कैटेगिरी में 1002वीं रैंक मिली है।
दिल्ली में रहकर की तैयारी
खीरों क्षेत्र के ग्राम राजूनगर मजरे बकुलिहा निवासी अमित कुमार दीक्षित पुत्र स्व सत्य नारायण दीक्षित को यूपीएससी की परीक्षा में 627वीं रैंक मिली है। अमित दीक्षित की सफलता ने ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभा का भी लोहा मनवाया है। उनकी माता मीरा दीक्षित बेटे की सफलता पर बहुत खुश हैं। अमित कुमार दीक्षित तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं।
बड़े भाई अंकुर उर्फ जीतू हरचंदपुर की फैक्टरी में काम करते हैं। दूसरे भाई अंकित दीक्षित कानपुर की एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहे हैं। पिता स्व सत्य नारायण दीक्षित का 2014 में देहांत हो गया था। अमित कुमार दीक्षित की प्राइमरी स्तर की पढ़ाई राजू नगर स्थित महर्षि वैदिक कॉन्वेंट स्कूल में हुई। पंजाब में एनआईटी से बीटेक किया।
भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी दिल्ली में रहकर की। इस दौरान उनके दोनों बड़े भाइयों ने उनकी आर्थिक मदद की। गांव में अमित की मां बड़ी बहू और उनके बच्चों के साथ रहती हैं। अमित कुमार दीक्षित के पैतृक गांव ग्राम जोगापुर ब्लाक लालगंज में भी खुशी की लहर है।