शिव खोड़ी (Shiv Khori) एक प्रसिद्ध गुफा मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है और हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। शिव खोड़ी की कथा भगवान शिव से जुड़ी हुई है और यहां एक स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है।
शिव खोड़ी की कथा (Shiv Khori Story in Hindi)
शिव खोड़ी गुफा के बारे में मान्यता है कि यह वह स्थान है जहाँ भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य (अमृत कथा) सुनाया था। इस गुफा में एक प्राकृतिक शिवलिंग है, जिसके ऊपर से पानी की बूंदें टपकती रहती हैं, जिसे शिवजी का जलाभिषेक माना जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाने का निर्णय लिया। उन्होंने इसके लिए एक गुप्त स्थान चुना, जो आज शिव खोड़ी के नाम से जाना जाता है। जब शिवजी कथा सुना रहे थे, तब एक शुक (तोता) ने भी यह कथा सुन ली। इससे क्रोधित होकर शिवजी ने शुक को पत्थर बनने का श्राप दे दिया। माता पार्वती के अनुरोध पर बाद में शिवजी ने शुक को वरदान दिया कि कलयुग में उसकी पूजा की जाएगी। आज भी गुफा में एक पत्थर के रूप में शुक (तोता) विराजमान है, जिसके दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शिव खोड़ी गुफा की विशेषताएं
- गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग है, जिस पर हमेशा जल बहता रहता है।
- गुफा के अंदर माता पार्वती, गणेशजी, नंदी और कार्तिकेय की आकृतियाँ भी दिखाई देती हैं।
- गुफा की लंबाई लगभग 150 मीटर है और इसमें प्रवेश करने के लिए भक्तों को झुककर जाना पड़ता है, जो शिवभक्ति में समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
- मान्यता है कि यहाँ आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
महत्व
शिव खोड़ी को “छोटी अमरनाथ गुफा” भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ की कथा अमरनाथ गुफा से मिलती-जुलती है। हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ विशाल मेला लगता है, जिसमें हज़ारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
इस पवित्र गुफा की यात्रा करने वाले भक्तों को शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके पापों का नाश होता है।